ਤਾ ਕਉ ਰਾਖਤ ਦੇ ਕਰਿ ਹਾਥ ॥
ता कउ राखत दे करि हाथ ॥
Ṫaa ka▫o raakʰaṫ ḋé kar haaṫʰ.
He preserves them, and holds out His Hands to protect them.
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ਮਾਨਸ ਜਤਨ ਕਰਤ ਬਹੁ ਭਾਤਿ ॥
मानस जतन करत बहु भाति ॥
Maanas jaṫan karaṫ baho bʰaaṫ.
You may make all sorts of efforts,
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ਤਿਸ ਕੇ ਕਰਤਬ ਬਿਰਥੇ ਜਾਤਿ ॥
तिस के करतब बिरथे जाति ॥
Ṫis ké karṫab birṫʰé jaaṫ.
but these attempts are in vain.
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ਮਾਰੈ ਨ ਰਾਖੈ ਅਵਰੁ ਨ ਕੋਇ ॥
मारै न राखै अवरु न कोइ ॥
Maaræ na raakʰæ avar na ko▫é.
No one else can kill or preserve -
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ਸਰਬ ਜੀਆ ਕਾ ਰਾਖਾ ਸੋਇ ॥
सरब जीआ का राखा सोइ ॥
Sarab jee▫aa kaa raakʰaa so▫é.
He is the Protector of all beings.
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ਕਾਹੇ ਸੋਚ ਕਰਹਿ ਰੇ ਪ੍ਰਾਣੀ ॥
काहे सोच करहि रे प्राणी ॥
Kaahé soch karahi ré paraaṇee.
So, why are you so anxious, O mortal?
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ਜਪਿ ਨਾਨਕ ਪ੍ਰਭ ਅਲਖ ਵਿਡਾਣੀ ॥੫॥
जपि नानक प्रभ अलख विडाणी ॥५॥
Jap Naanak parabʰ alakʰ vidaaṇee. ||5||
O Nanak! Meditate on God, the invisible, the wonderful! ||5||
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ਬਾਰੰ ਬਾਰ ਬਾਰ ਪ੍ਰਭੁ ਜਪੀਐ ॥
बारं बार बार प्रभु जपीऐ ॥
Baaraⁿ baar baar parabʰ japee▫æ.
Time after time, again and again, meditate on God.
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ਪੀ ਅੰਮ੍ਰਿਤੁ ਇਹੁ ਮਨੁ ਤਨੁ ਧ੍ਰਪੀਐ ॥
पी अमृतु इहु मनु तनु ध्रपीऐ ॥
Pee amriṫ ih man ṫan ḋʰarpee▫æ.
Drinking in this Nectar, this mind and body are satisfied.
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ਨਾਮ ਰਤਨੁ ਜਿਨਿ ਗੁਰਮੁਖਿ ਪਾਇਆ ॥
नाम रतनु जिनि गुरमुखि पाइआ ॥
Naam raṫan jin gurmukʰ paa▫i▫aa.
The jewel of the Naam is obtained by the Gurmukhs;
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ਤਿਸੁ ਕਿਛੁ ਅਵਰੁ ਨਾਹੀ ਦ੍ਰਿਸਟਾਇਆ ॥
तिसु किछु अवरु नाही द्रिसटाइआ ॥
Ṫis kichʰ avar naahee ḋaristaa▫i▫aa.
they see no other than God.
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ਨਾਮੁ ਧਨੁ ਨਾਮੋ ਰੂਪੁ ਰੰਗੁ ॥
नामु धनु नामो रूपु रंगु ॥
Naam ḋʰan naamo roop rang.
Unto them, the Naam is wealth, the Naam is beauty and delight.
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ਨਾਮੋ ਸੁਖੁ ਹਰਿ ਨਾਮ ਕਾ ਸੰਗੁ ॥
नामो सुखु हरि नाम का संगु ॥
Naamo sukʰ har naam kaa sang.
The Naam is peace, the Lord’s Name is their companion.
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ਨਾਮ ਰਸਿ ਜੋ ਜਨ ਤ੍ਰਿਪਤਾਨੇ ॥
नाम रसि जो जन त्रिपताने ॥
Naam ras jo jan ṫaripṫaané.
Those who are satisfied by the essence of the Naam -
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ਮਨ ਤਨ ਨਾਮਹਿ ਨਾਮਿ ਸਮਾਨੇ ॥
मन तन नामहि नामि समाने ॥
Man ṫan naamėh naam samaané.
their minds and bodies are drenched with the Naam.
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ਊਠਤ ਬੈਠਤ ਸੋਵਤ ਨਾਮ ॥
ऊठत बैठत सोवत नाम ॥
Ootʰaṫ bætʰaṫ sovaṫ naam.
While standing up, sitting down and sleeping, the Naam,
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ਕਹੁ ਨਾਨਕ ਜਨ ਕੈ ਸਦ ਕਾਮ ॥੬॥
कहु नानक जन कै सद काम ॥६॥
Kaho Naanak jan kæ saḋ kaam. ||6||
says Nanak, is forever the occupation of God’s humble servant. ||6||
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ਬੋਲਹੁ ਜਸੁ ਜਿਹਬਾ ਦਿਨੁ ਰਾਤਿ ॥
बोलहु जसु जिहबा दिनु राति ॥
Bolhu jas jihbaa ḋin raaṫ.
Chant His Praises with your tongue, day and night.
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ਪ੍ਰਭਿ ਅਪਨੈ ਜਨ ਕੀਨੀ ਦਾਤਿ ॥
प्रभि अपनै जन कीनी दाति ॥
Parabʰ apnæ jan keenee ḋaaṫ.
God Himself has given this gift to His servants.
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ਕਰਹਿ ਭਗਤਿ ਆਤਮ ਕੈ ਚਾਇ ॥
करहि भगति आतम कै चाइ ॥
Karahi bʰagaṫ aaṫam kæ chaa▫é.
Performing devotional worship with heart-felt love,
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ਪ੍ਰਭ ਅਪਨੇ ਸਿਉ ਰਹਹਿ ਸਮਾਇ ॥
प्रभ अपने सिउ रहहि समाइ ॥
Parabʰ apné si▫o rahėh samaa▫é.
they remain absorbed in God Himself.
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ਜੋ ਹੋਆ ਹੋਵਤ ਸੋ ਜਾਨੈ ॥
जो होआ होवत सो जानै ॥
Jo ho▫aa hovaṫ so jaanæ.
They know the past and the present.
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ਪ੍ਰਭ ਅਪਨੇ ਕਾ ਹੁਕਮੁ ਪਛਾਨੈ ॥
प्रभ अपने का हुकमु पछानै ॥
Parabʰ apné kaa hukam pachʰaanæ.
They recognize God’s Own Command.
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ਤਿਸ ਕੀ ਮਹਿਮਾ ਕਉਨ ਬਖਾਨਉ ॥
तिस की महिमा कउन बखानउ ॥
Ṫis kee mahimaa ka▫un bakʰaana▫o.
Who can describe His Glory?
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ਤਿਸ ਕਾ ਗੁਨੁ ਕਹਿ ਏਕ ਨ ਜਾਨਉ ॥
तिस का गुनु कहि एक न जानउ ॥
Ṫis kaa gun kahi ék na jaan▫o.
I cannot describe even one of His virtuous qualities.
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ਆਠ ਪਹਰ ਪ੍ਰਭ ਬਸਹਿ ਹਜੂਰੇ ॥
आठ पहर प्रभ बसहि हजूरे ॥
Aatʰ pahar parabʰ basėh hajooré.
Those who dwell in God’s Presence, twenty-four hours a day -
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ਕਹੁ ਨਾਨਕ ਸੇਈ ਜਨ ਪੂਰੇ ॥੭॥
कहु नानक सेई जन पूरे ॥७॥
Kaho Naanak sé▫ee jan pooré. ||7||
says Nanak, they are the perfect persons. ||7||
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ਮਨ ਮੇਰੇ ਤਿਨ ਕੀ ਓਟ ਲੇਹਿ ॥
मन मेरे तिन की ओट लेहि ॥
Man méré ṫin kee ot léhi.
O my mind! Seek their protection;
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ਮਨੁ ਤਨੁ ਅਪਨਾ ਤਿਨ ਜਨ ਦੇਹਿ ॥
मनु तनु अपना तिन जन देहि ॥
Man ṫan apnaa ṫin jan ḋėh.
give your mind and body to those humble beings.
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ਜਿਨਿ ਜਨਿ ਅਪਨਾ ਪ੍ਰਭੂ ਪਛਾਤਾ ॥
जिनि जनि अपना प्रभू पछाता ॥
Jin jan apnaa parabʰoo pachʰaaṫaa.
Those humble beings who recognizes God
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ਸੋ ਜਨੁ ਸਰਬ ਥੋਕ ਕਾ ਦਾਤਾ ॥
सो जनु सरब थोक का दाता ॥
So jan sarab ṫʰok kaa ḋaaṫaa.
are the givers of all things.
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ਤਿਸ ਕੀ ਸਰਨਿ ਸਰਬ ਸੁਖ ਪਾਵਹਿ ॥
तिस की सरनि सरब सुख पावहि ॥
Ṫis kee saran sarab sukʰ paavahi.
In His Sanctuary, all comforts are obtained.
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ਤਿਸ ਕੈ ਦਰਸਿ ਸਭ ਪਾਪ ਮਿਟਾਵਹਿ ॥
तिस कै दरसि सभ पाप मिटावहि ॥
Ṫis kæ ḋaras sabʰ paap mitaavėh.
By the Blessing of His Darshan, all sins are erased.
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ਅਵਰ ਸਿਆਨਪ ਸਗਲੀ ਛਾਡੁ ॥
अवर सिआनप सगली छाडु ॥
Avar si▫aanap saglee chʰaad.
So, renounce all other clever devices,
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ਤਿਸੁ ਜਨ ਕੀ ਤੂ ਸੇਵਾ ਲਾਗੁ ॥
तिसु जन की तू सेवा लागु ॥
Ṫis jan kee ṫoo sévaa laag.
and enjoin yourself to the service of those servants.
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ਆਵਨੁ ਜਾਨੁ ਨ ਹੋਵੀ ਤੇਰਾ ॥
आवनु जानु न होवी तेरा ॥
Aavan jaan na hovee ṫéraa.
Your comings and goings shall be ended.
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ਨਾਨਕ ਤਿਸੁ ਜਨ ਕੇ ਪੂਜਹੁ ਸਦ ਪੈਰਾ ॥੮॥੧੭॥
नानक तिसु जन के पूजहु सद पैरा ॥८॥१७॥
Naanak ṫis jan ké poojahu saḋ pæraa. ||8||17||
O Nanak! Worship the feet of God’s humble servants forever. ||8||17||
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ਸਲੋਕੁ ॥
सलोकु ॥
Salok.
Shalok:
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ਸਤਿ ਪੁਰਖੁ ਜਿਨਿ ਜਾਨਿਆ ਸਤਿਗੁਰੁ ਤਿਸ ਕਾ ਨਾਉ ॥
सति पुरखु जिनि जानिआ सतिगुरु तिस का नाउ ॥
Saṫ purakʰ jin jaani▫aa saṫgur ṫis kaa naa▫o.
The one who knows the True Lord God, is called the True Guru.
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ਤਿਸ ਕੈ ਸੰਗਿ ਸਿਖੁ ਉਧਰੈ ਨਾਨਕ ਹਰਿ ਗੁਨ ਗਾਉ ॥੧॥
तिस कै संगि सिखु उधरै नानक हरि गुन गाउ ॥१॥
Ṫis kæ sang sikʰ uḋʰræ Naanak har gun gaa▫o. ||1||
In His Company, the Sikh is saved, O Nanak! Singing the Glorious Praises of the Lord. ||1||
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ਅਸਟਪਦੀ ॥
असटपदी ॥
Asatpaḋee.
Ashtapadee:
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ਸਤਿਗੁਰੁ ਸਿਖ ਕੀ ਕਰੈ ਪ੍ਰਤਿਪਾਲ ॥
सतिगुरु सिख की करै प्रतिपाल ॥
Saṫgur sikʰ kee karæ parṫipaal.
The True Guru cherishes His Sikh.
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ਸੇਵਕ ਕਉ ਗੁਰੁ ਸਦਾ ਦਇਆਲ ॥
सेवक कउ गुरु सदा दइआल ॥
Sévak ka▫o gur saḋaa ḋa▫i▫aal.
The Guru is always merciful to His servant.
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ਸਿਖ ਕੀ ਗੁਰੁ ਦੁਰਮਤਿ ਮਲੁ ਹਿਰੈ ॥
सिख की गुरु दुरमति मलु हिरै ॥
Sikʰ kee gur ḋurmaṫ mal hiræ.
The Guru washes away the filth of the evil intellect of His Sikh.
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ਗੁਰ ਬਚਨੀ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਉਚਰੈ ॥
गुर बचनी हरि नामु उचरै ॥
Gur bachnee har naam uchræ.
Through the Guru’s Teachings, he chants the Lord’s Name.
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ਸਤਿਗੁਰੁ ਸਿਖ ਕੇ ਬੰਧਨ ਕਾਟੈ ॥
सतिगुरु सिख के बंधन काटै ॥
Saṫgur sikʰ ké banḋʰan kaatæ.
The True Guru cuts away the bonds of His Sikh.
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ਗੁਰ ਕਾ ਸਿਖੁ ਬਿਕਾਰ ਤੇ ਹਾਟੈ ॥
गुर का सिखु बिकार ते हाटै ॥
Gur kaa sikʰ bikaar ṫé haatæ.
The Sikh of the Guru abstains from evil deeds.
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ਸਤਿਗੁਰੁ ਸਿਖ ਕਉ ਨਾਮ ਧਨੁ ਦੇਇ ॥
सतिगुरु सिख कउ नाम धनु देइ ॥
Saṫgur sikʰ ka▫o naam ḋʰan ḋé▫é.
The True Guru gives His Sikh the wealth of the Naam.
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ਗੁਰ ਕਾ ਸਿਖੁ ਵਡਭਾਗੀ ਹੇ ॥
गुर का सिखु वडभागी हे ॥
Gur kaa sikʰ vadbʰaagee hé.
The Sikh of the Guru is very fortunate.
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ਸਤਿਗੁਰੁ ਸਿਖ ਕਾ ਹਲਤੁ ਪਲਤੁ ਸਵਾਰੈ ॥
सतिगुरु सिख का हलतु पलतु सवारै ॥
Saṫgur sikʰ kaa halaṫ palaṫ savaaræ.
The True Guru arranges this world and the next for His Sikh.
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ਨਾਨਕ ਸਤਿਗੁਰੁ ਸਿਖ ਕਉ ਜੀਅ ਨਾਲਿ ਸਮਾਰੈ ॥੧॥
नानक सतिगुरु सिख कउ जीअ नालि समारै ॥१॥
Naanak saṫgur sikʰ ka▫o jee▫a naal samaaræ. ||1||
O Nanak! With the fullness of His heart, the True Guru mends His Sikh. ||1||
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ਗੁਰ ਕੈ ਗ੍ਰਿਹਿ ਸੇਵਕੁ ਜੋ ਰਹੈ ॥
गुर कै ग्रिहि सेवकु जो रहै ॥
Gur kæ garihi sévak jo rahæ.
That selfless servant, who lives in the Guru’s household,
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ਗੁਰ ਕੀ ਆਗਿਆ ਮਨ ਮਹਿ ਸਹੈ ॥
गुर की आगिआ मन महि सहै ॥
Gur kee aagi▫aa man mėh sahæ.
is to obey the Guru’s Commands with all his mind.
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ਆਪਸ ਕਉ ਕਰਿ ਕਛੁ ਨ ਜਨਾਵੈ ॥
आपस कउ करि कछु न जनावै ॥
Aapas ka▫o kar kachʰ na janaavæ.
He is not to call attention to himself in any way.
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ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਰਿਦੈ ਸਦ ਧਿਆਵੈ ॥
हरि हरि नामु रिदै सद धिआवै ॥
Har har naam riḋæ saḋ ḋʰi▫aavæ.
He is to meditate constantly within his heart on the Name of the Lord.
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ਮਨੁ ਬੇਚੈ ਸਤਿਗੁਰ ਕੈ ਪਾਸਿ ॥
मनु बेचै सतिगुर कै पासि ॥
Man béchæ saṫgur kæ paas.
One who sells his mind to the True Guru -
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ਤਿਸੁ ਸੇਵਕ ਕੇ ਕਾਰਜ ਰਾਸਿ ॥
तिसु सेवक के कारज रासि ॥
Ṫis sévak ké kaaraj raas.
that humble servant’s affairs are resolved.
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ਸੇਵਾ ਕਰਤ ਹੋਇ ਨਿਹਕਾਮੀ ॥
सेवा करत होइ निहकामी ॥
Sévaa karaṫ ho▫é nihkaamee.
One who performs selfless service, without thought of reward,
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ਤਿਸ ਕਉ ਹੋਤ ਪਰਾਪਤਿ ਸੁਆਮੀ ॥
तिस कउ होत परापति सुआमी ॥
Ṫis ka▫o hoṫ paraapaṫ su▫aamee.
shall attain his Lord and Master.
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